बैशाख ०४ गते
सुख सबके जओर रहे
दुखके चिन्ता हेराएल रहे
जिन्गी सब दिन फूललेखा फुलाइरहे
असल विचार सदभाव आबइरहे
भाइचाराके नाता हमेसा जोरल रहे
अपनामे मनमोटाओ कुछिओ नरहे
दुस्मनके नाम निसान मेटाइरहे
मित्रताके भावना हमेसा बनल रहे
डेङ हमेसा अगारुमुहे बढइरहे
सब दिन सफलताके उचाइ छुअइरहे
खराब विचार खराब सोच बदलइत रहे
मेहनतसे ज्ञान–धन आर्जन होइरहे
नयाँ साल हर दम निमनसे चलइत रहे
निमन सब कुछ एई साल बढइत रहे ।
रौतहट