बैशाख ०४ गते
भिनसार होइते ऊ मोर्निङ्घ वाकके लेल क्वाटरमेसे निकल जाइत रहे अकेले । साफसुथर चेहरा, देहपर कपरालता भी साफ अइसन लागे कौनो निमन घरके आ निमन पदके आदमी होए । हमरो भिनसारे अपन डिउटिपर जाएके होए । हमरा डिउटीके समय आ ऊ मोर्निङ वाकबाला अपरिचित आदमीके घुमके लौटेके समय एके होजाइत रहे । हमनी दुनुके उहे समय रहे । हमर एनेसे जाएके समय आ ऊ व्यक्तिके ओनेसे लौटेके समय । लगभग छओ–सात महिनासे रोज एतने देखी, ओमे एको दिन अबेर आ सबेर नहोए । रोजो दिन उहे रास्ता होएलासे हमरा कहियो तइका लेटो होजाए त ऊ अपरिचित व्यक्तिके कहियो लेट नहोखे । रास्ता लम्बा भेलासे ओतनाके दुरीमे केनहु न केनहु मिलिए जाए । लगभग उमरसे पचास बरसके आसपासके जइसन बुझाए । आदमी एकदम शान्त आ देखेमे भी भलादमी लागे । रास्ता पेरा केकरो न कुछो बोलेके नटोकेके । कौनो चिनापरचे नहए हमनीके न कौनो बोलचाल लेकिन नियमित एके समय आ एके रास्ता भेलासे लागे कि चिन्हेपरचे जइसन ।
एक दिन हमरा घरे तइका बाझा लागगेल ओहीसे लेट होगेल रहे कामपर जाएमे । जल्दीजल्दी कामपर पुगेगे चक्करमे खूब हडबडाएले घरेसे निकलली । कुछ दूर पुगलाके बाद देखली एगो आदमी पेटकुनिए रोडके कातमे छोट–छोट झारके बिचमे झार ओतना घना नहोके छिहरे रह,े ओमे सुतलजइसन । हम ओतना मतलब नकके अपन कामला अगारु बढगेली । कुछ दूर पुगलापर दू–चारगो आदमीके फुसुरफुसुर बतियाएल देखली । हम अपन साइकलके स्पीड कम कइली । हमरा मनमे संखा भेल, ई लोग सऽ कथि बतियाइत हए । अजिब किसिमके सन्ंनाटा छाएल हमरा साइकिलके गति कम होइते । एतनेमे कौनो फ्याक्टरीमे काम करेवाला पाले, उहे रास्ता होइत अपन घरेके ओर डिप्टी सुधाके जाइत रहे । ओकर नाइट डिउटी परलासे भिनसारे हारलथाकल अपन गन्तब्यके ओर बढेके क्रममे ओकर नजर परल ऊ ओढनाएल आदमीपर । देखते पुकाफारके चिचियाइत हए –मालिक साहेब ई कथि होगेल । कइसे होगेल, आँहा त ठीकेठाके निकलल रलिह फ्याक्टरीसे माकिर ई … … … । कुछ लोग जुटगेल । ऊ चमचमाइत चेहरा आ शरीर धर्तीपर परले हए । वातावरणमे एगो अजिब सन्नाटा छएले रहगेल पाले केतनो अपन मालिकके शरीर हिलवते रहल लेकिन ओकर मालिक आँख नखोललख । हम पूरे थकबकाके बैठगेलि मनमे बहुत प्रश्नस आवेलागल । ऊ अपरिचितके घरपरिवार, बालबच्चा, कामधन्दा, जिन्गीमे रहलके महत्व आ नरहलाके महत्व, अन्त समयमे भी परिवारसे मिल नसकेके दुःख । हम पूरे आतगेल रलि । सुनले रही भगवानो निमने आदमीके खोजइअ । जबकि हमरासे कौनो चिनापरचे नरहे लेकिन ओकर पालेके रोवाइसे ई साबित होए ऊ कौनो निमन इनसान रहे ।